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सांस लेने में दिक्कत: कोरोना के बाद बढ़ती समस्या और 7 असरदार घरेलू उपाय

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सांस लेने में दिक्कत – एक आम लेकिन गंभीर समस्या

सांस लेने में दिक्कत होना एक सामान्य लक्षण लगता है, लेकिन यह कई बार किसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत करता है। विशेषकर कोविड-19 के समय यह समस्या कई लोगों में देखी गई और कई मामलों में यह जानलेवा भी साबित हुई। WHO की आधिकारिक वेबसाइट पर और जानकारी देखें।


कोरोना के बाद सांस की दिक्कत ये 7 घरेलू उपाय आजमाएं

कोरोना वायरस और सांस की समस्या का संबंध

कोरोना वायरस फेफड़ों पर कैसे हमला करता है?

कोविड-19 का वायरस फेफड़ों की कार्यक्षमता पर सीधा प्रभाव डालता है। यह वायरस फेफड़ों में सूजन पैदा करता है, जिससे सांस लेना कठिन हो जाता है।

कोविड के बाद लंबे समय तक चलने वाली समस्याएं

कई लोगों को कोरोना से ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक सांस की समस्या रहती है, जिसे “पोस्ट कोविड सिंड्रोम” कहा जाता है।


सांस की दिक्कत के लक्षण

शुरुआती चेतावनी संकेत

  • सांस फूलना चलते वक्त या आराम करते समय
  • सीने में जकड़न या दर्द
  • खांसी के साथ दम घुटना
  • अचानक थकावट महसूस होना

कब डॉक्टर से संपर्क करना ज़रूरी है?

अगर ऑक्सीजन लेवल 94% से कम हो जाए, या आराम के समय भी सांस फूलने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


घरेलू उपाय जो राहत दे सकते हैं

भाप लेना (Steam Inhalation)

दिन में 2-3 बार भाप लेने से बलगम साफ होता है और फेफड़े खुलते हैं। यह तरीका तुरंत राहत देता है।

गुनगुना पानी और हर्बल चाय

गुनगुना पानी गले को राहत देता है, वहीं तुलसी-अदरक-काली मिर्च वाली हर्बल चाय इम्यून सिस्टम मजबूत करती है।

तुलसी, अदरक और हल्दी का सेवन

इन प्राकृतिक औषधियों में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो फेफड़ों को मजबूती देते हैं।


ब्रीदिंग एक्सरसाइज और प्राणायाम

अनुलोम विलोम

नाक के एक छिद्र से सांस लेकर दूसरे से छोड़ना – यह अभ्यास फेफड़ों की ताकत को बढ़ाता है।

कपालभाति

तेज गति से सांस बाहर निकालने की प्रक्रिया – इससे श्वसन प्रणाली सक्रिय होती है।

भ्रामरी प्राणायाम

गुनगुनाने जैसा कंपन पैदा कर सांस को नियंत्रित करना – इससे दिमाग और फेफड़े शांत होते हैं।


घर का वातावरण कैसा हो?

हवा की गुणवत्ता को बनाए रखें

यदि आप शहर में रहते हैं तो एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। ताजा हवा और हवादार कमरा जरूरी है।

ह्यूमिडिफायर या भाप मशीन का उपयोग

सूखे मौसम में नमी बनाए रखना आवश्यक है ताकि नाक और गले की सूजन न बढ़े।


खान-पान में बदलाव

एंटी-इंफ्लेमेटरी भोजन

फल, सब्ज़ियाँ, हल्दी वाला दूध, और ओमेगा-3 युक्त चीज़ें लें।

विटामिन C और D का सेवन

ये दोनों विटामिन फेफड़ों को वायरस से लड़ने की ताकत देते हैं।


कब ज़रूरी है मेडिकल हेल्प लेना?

ऑक्सीजन लेवल कम होना

यदि ऑक्सीमीटर में ऑक्सीजन 92% से नीचे जाए, तो देर न करें।

लगातार खांसी या सीने में दर्द

यह संक्रमण के गहराने का संकेत हो सकता है।


कोरोना के समय विशेष सावधानियाँ

संक्रमित से दूरी

बिना मास्क और दूरी बनाए संपर्क में न आएं।

मास्क का सही उपयोग

नाक और मुंह पूरी तरह ढकना चाहिए।

इम्यून सिस्टम मजबूत बनाए रखना

नींद पूरी लें, तनाव कम करें और संतुलित आहार लें।


निष्कर्ष

सांस लेने में दिक्कत को हल्के में नहीं लेना चाहिए, खासकर कोरोना काल में। घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है लेकिन किसी भी गंभीर लक्षण के आने पर डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। क्योकि कोरोना की बापसी एक बार फिर हो गयी है ऐसे मे खुद को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करते रहें और समय समय पर विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लेते रहें, जैसे भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट। स्वस्थ जीवनशैली और नियमित प्राणायाम से हम अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही अपने परिवार को भी सुरक्षित रख सकते हैं । ये आपका और आपके भलाई के लिए है ।