
पावन नगरी हरिद्वार इस समय बादलों की घनी छाया में डूबी हुई है।
पिछले चौबीस से अड़तालीस घंटों से रुक-रुक कर हो रही वर्षा ने घाटों से लेकर गलियों तक हर कोना तरबतर कर दिया है।
गंगा किनारे उतरती श्रद्धा की भीड़ इस बारिश में भी अपनी आस्था के रंग में भीगी नजर आई।
जहां-जहां नज़र जाए, पानी की लहरें सड़क की सतह पर नाचती दिखाई दे रही हैं।
घाटों पर बरसात की फुहारों संग भीगती आस्था
सुबह से ही हरिद्वार की हर की पौड़ी पर बादलों की सेना डेरा जमाए बैठी थी।
लेकिन गंगा स्नान को आए श्रद्धालुओं के चेहरे पर कोई शिकन नहीं।
बारिश की बूँदें जब गंगा की लहरों से मिलतीं, तो वहां स्नान कर रहे लोग हाथ जोड़ कर भगवान का आभार जताते दिखे।
कहीं छोटे बच्चों की खिलखिलाहट बारिश में घुल गई, तो कहीं वृद्ध महिलाएं भीगी साड़ियों में मंत्रोच्चार करती दिखीं।
जलभराव ने बढ़ाई दिक्कतें, बाजारों में भरा पानी
लगातार बारिश ने हरिद्वार के बाज़ारों और मोहल्लों की हालत भी बदल दी।
सड़कों पर पानी भर गया, कई जगह नालियां उफान मारती दिखीं।
दुकानदार अपने-अपने ठेलों को ऊँचाई पर रखने में मशगूल रहे।
यातायात भी धीमा पड़ा और दोपहिया वाहन चालक फिसलन से बचने की जद्दोजहद करते रहे।
हालांकि इस सबके बीच लोगों ने राहत की सांस भी ली कि चिलचिलाती गर्मी से छुटकारा मिल गया।
गंगा का जलस्तर चढ़ने लगा, प्रशासन मुस्तैद
बरसात का असर अब गंगा नदी पर भी दिखने लगा है।
जलस्तर धीरे-धीरे ऊपर चढ़ रहा है।
प्रशासन ने घाटों और निचले इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।
एसडीआरएफ की टीमें चौकसी पर हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत सहायता दी जा सके।
बिजली विभाग ने भी उन इलाकों में विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है जहां पानी जमा हो चुका है।
बारिश में भी मंदिरों में गूंजते रहे शंख और घंटियां
भले ही फुहारें लगातार गिर रही हों, लेकिन मंदिरों की सीढ़ियां श्रद्धालुओं से खाली नहीं हुईं।
कई स्थानों पर बारिश की वजह से आयोजनों को थोड़ा टालना पड़ा, मगर भजन-कीर्तन की धुनें थमी नहीं।
पंडितों का कहना है, “बरखा ऋतु भगवान शिव को प्रिय है। बारिश में पूजा विशेष फल देती है।”
यही कारण है कि भीगी सीढ़ियों पर लोग नंगे पांव बैठकर प्रार्थना में डूबे रहे।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी, दो दिन और रहेगी यही स्थिति
मौसम विभाग देहरादून ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे तक इसी तरह बारिश होती रहेगी।
कभी हल्की बूंदाबांदी, तो कभी झमाझम बारिश शहर के मौसम को खुशनुमा बनाए रखेगी।
लोगों को घाटों और फिसलन भरी सड़कों पर संभल कर चलने की सलाह दी गई है।
भीगा शहर, महकते बाज़ार, उमंग का आलम
बारिश ने हरिद्वार के बाजारों में भी एक अलग सी रौनक भर दी।
गर्म चाय, पकौड़े और जलेबी की दुकानों पर भीड़ कुछ ज्यादा ही दिखी।
लोग रुक-रुक कर दुकानों के छज्जों के नीचे खड़े हो जाते और फिर बारिश की फुहारों में आगे बढ़ जाते।
भारत पल्स न्यूज को कई स्थानीय और राहगीरी लोगों ने बताया कि इस बरसात ने गर्मी के कहर से तो मुक्ति दिलाई ही, साथ में दिल को भी सुकून दे दिया। लेकिन बहीं अचानक से धूप निकलना बहुत ही अधिक गर्मी और उमस का कारण बन जाता है ।
निष्कर्ष: बादल बरस रहे, शहर भीग रहा, पर श्रद्धा अडिग
इस समय हरिद्वार की गलियां भीगी हुई हैं, घाटों पर जल की बूँदें गिर रही हैं और गंगा अपने उफान पर है।
मगर बारिश की यह माया भी श्रद्धालुओं की आस्था को कम नहीं कर सकी।
लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही बादल छंटेंगे और फिर वही चहल-पहल लौट आएगी।
तब तक, यह बरसात हरिद्वार की हवाओं में एक नई महक घोलती रहेगी।
More Stories
हरिद्वार में शिवरात्रि पर भारी भीड़: प्रशासन हाई अलर्ट पर, DJ पर पूर्ण प्रतिबंध
देश में लगातार जारी विमान दुर्घटनाएं — अब मुंबई में बड़ा हादसा होने से बचा
धनखड़ का अचानक इस्तीफा: तबीयत या ताकत की नई पटकथा?