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अमृतसर में जहरीली शराब का कहर: 14 लोगों की मौत, प्रशासन पर उठे सवाल

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अमृतसर/पंजाब: पंजाब के अमृतसर जिले में एक बार फिर अवैध शराब का कहर टूटा है। इस बार जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई है जबकि 6 से अधिक लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। यह घटना जिले के मजीठा और तरनतारन इलाकों में घटित हुई, जहां एक ही रात में कई लोगों की तबीयत बिगड़ने की खबरें सामने आईं।

अमृतसर में जहरीली शराब का कहर

पीड़ितों के परिजनों के अनुसार, मृतकों ने रात में देसी शराब का सेवन किया था जिसके बाद उन्हें उल्टी, बेहोशी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं शुरू हो गईं। आनन-फानन में उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन उनमें से अधिकांश को बचाया नहीं जा सका।

पुलिस और प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इलाके में छापेमारी शुरू की और अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह शराब अवैध रूप से तैयार की गई थी और इसमें मेथनॉल जैसी विषैली रासायनिक सामग्री मिली हुई थी।

पंजाब सरकार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के सभी जिलों में अवैध शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस इलाके में लंबे समय से अवैध शराब का कारोबार चल रहा था और पुलिस व प्रशासन की जानकारी में होने के बावजूद कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। कुछ ग्रामीणों ने दावा किया कि कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से यह धंधा फल-फूल रहा था।

राजनीतिक दलों ने भी इस घटना को लेकर सरकार पर हमला बोला है। विपक्षी दलों का कहना है कि पंजाब में कानून व्यवस्था की हालत चिंताजनक है और सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, जबकि जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ।

वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक सरकारें अवैध शराब के नेटवर्क को जड़ से खत्म नहीं करेंगी और दोषियों को उदाहरणात्मक सजा नहीं मिलेगी, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।

इस दर्दनाक घटना ने राज्यभर में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। अमृतसर के सिविल अस्पताल में मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ पीड़ितों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और उन्हें बचाने के लिए विशेष इलाज जारी है।

यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि अवैध शराब का कारोबार न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह आम लोगों की जिंदगी के लिए भी गंभीर खतरा है।