
“कहा जाता है कि माँ अपने बच्चे के लिए भगवान से भी लड़ जाती है, लेकिन हरियाणा के रोहतक में एक माँ ऐसी भी निकली जिसने भगवान बनने की चाह में ही अपने नवजात को मौत की नींद सुला दिया।”
इस घटना ने सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरे समाज को झकझोर दिया है। रोहतक जिले के महम थाना क्षेत्र के गांव अजायब में एक माँ ने अपने दो महीने के मासूम बेटे की ड्रम में डुबोकर हत्या कर दी — वो भी महज इसलिए क्योंकि पति ने सोने का लॉकेट देने से मना कर दिया था।

कैसे हुई ये खौफनाक वारदात?
मामला तीन दिन पुराना है। आरोपी महिला प्रियंका, जो कि झारखंड के चितवा जिले के लेंबुआ गांव की रहने वाली है, बीते साल जुलाई में मोहित से शादी कर रोहतक आई थी। मोहित इन्वर्टर व बैटरी मरम्मत का छोटा कारोबार करता है।
शादी के कुछ महीनों बाद प्रियंका गर्भवती हुई और मार्च 2025 में उसने बेटे को जन्म दिया। नाम रखा गया — जैविक।
लेकिन बेटे का जीवन नाम के विपरीत, जैविक न रह सका।
लॉकेट से लेकर लाश तक — कैसे बदल गई माँ की ममता?
पुलिस जांच में सामने आया कि प्रियंका ने पति से सोने का लॉकेट बनवाने की ज़िद की। जब मोहित ने आर्थिक तंगी का हवाला देकर मना किया, तो यह बात प्रियंका को नागवार गुज़री।
फिर क्या था — ममता की मूरत माँ ने बेटे का माथा चूमा, गोदी में लिया, और फिर ड्रम में डुबोकर मौत की नींद सुला दिया।
बेटे की हत्या के बाद प्रियंका ने पुलिस को गुमराह करने की भी पूरी कोशिश की। नकाबपोश महिला के अपहरण की कहानी गढ़ी। बेहोशी का नाटक भी किया। लेकिन उसकी चालाकी पुलिस के सामने ज्यादा देर टिक नहीं पाई।
72 घंटे की पूछताछ, 20 गवाह और ढह गई झूठ की दीवार
महम थाना के एसआई सुरेश कुमार ने इस घटना की तह तक जाने के लिए 72 घंटे में 20 लोगों से पूछताछ की। हर एक ने नकाबपोश महिला की कहानी को खारिज किया।
सीसीटीवी फुटेज में भी कोई संदिग्ध नहीं मिला। न प्रियंका के शरीर पर कोई चोट, न ही उसके हाथों की चूड़ियाँ टूटी हुई मिलीं।
यहाँ तक कि घटनास्थल पर पानी के ड्रम के पास भी कोई संघर्ष के निशान नहीं पाए गए।
माँ ने कबूला गुनाह, पुलिस ने लिया हिरासत में
कठोर पूछताछ के बाद प्रियंका ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि पति के इनकार से वह इतनी आहत थी कि उसने बेटे की बलि दे दी।
प्रियंका को गिरफ्तार कर शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इस मामले में धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
गांव में मातम, समाज में सनसनी
गांव अजायब में इस घटना ने सनसनी फैला दी है। हर कोई यही पूछ रहा है — “क्या माँ इतनी निर्दयी हो सकती है?”
लोग स्तब्ध हैं। कुछ की आँखें नम हैं तो कुछ अब भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे कि एक माँ ने अपने ही कलेजे के टुकड़े को डुबोकर मार डाला।
11 महीने पुराना रिश्ता, लेकिन टूटा भरोसा
प्रियंका और मोहित की शादी 9 जुलाई 2024 को एक मंदिर में हुई थी। वो सोशल मीडिया के ज़रिए एक-दूसरे को जानते थे। मोहित के लिए प्रियंका का यह रूप एक झटका बनकर आया है।
मोहित का कहना है —
“मैंने जो भी किया, प्यार से किया। बेटे के लिए भी लॉकेट बाद में बनवाने का इरादा था। लेकिन प्रियंका इतनी जल्दी इतनी क्रूर हो जाएगी, इसकी कल्पना भी नहीं की थी।”
निष्कर्ष: ममता, मनोविज्ञान और मौलिक संवेदनाएं — सवालों के घेरे में
इस घटना ने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं:
- क्या यह महज क्रोध था, या मानसिक असंतुलन?
- माँ की ममता क्या इतनी कमजोर हो सकती है?
- समाज में क्या अब रिश्तों में धैर्य और समझदारी खोती जा रही है?
पुलिस अब इस घटना को सिर्फ हत्या नहीं, एक मनोवैज्ञानिक केस स्टडी के रूप में देख रही है।
भारत पल्स न्यूज़ की अपील: कब थमेगा मासूमों का यह कत्लेआम?
पिछले ही दिनों उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर से आई घटना में एक मां ने अपने प्रेमी के लिए दो मासूम बच्चों को ज़हर देकर मौत के घाट उतार दिया था। समाज उस हत्याकांड से उबर भी नहीं पाया था कि अब हरियाणा के रोहतक में एक और मां ने सिर्फ एक सोने के लॉकेट के लिए अपने दो महीने के बेटे को ड्रम में डुबोकर मार डाला।
भारत पल्स न्यूज़ पूछता है — आखिर इन मासूम बच्चों का कसूर क्या था?
क्या रिश्तों की खींचतान, वासना, ग़ुस्सा और झूठे दिखावे की क़ीमत अब मासूमों की ज़िंदगियों से चुकाई जाएगी?
क्या अब मौत का चेहरा मां बन गया है?
यह सवाल सिर्फ एक न्यूज पोर्टल भारत पल्स का नहीं, पूरे समाज को झकझोरने वाला है।
अब तो ये ज़मीर की पुकार है — “कब थमेगा मां के हाथों मासूमों का कत्लेआम?”
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