
नागर पुखरा (बदायूं) उत्तर प्रदेश : सारस्वत परिवार द्वारा कराई जा रही श्री मद भागवत सप्ताह में नगाड़ों की गूंज, शंखनाद और श्रद्धालुओं की जयघोष के बीच आज श्री मद भागवत कथा का तृतीय दिवस पूर्ण (प्रथम दिवस की खबर यहां पढ़े) श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। आज के कथा दिवस में भक्त प्रहलाद और भक्त ध्रुव जैसे अमर भक्तों की कथाओं ने न केवल माहौल को भक्तिमय कर दिया, बल्कि उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के हृदय को भी प्रेम, भक्ति और विश्वास से भर दिया।
भक्त प्रह्लाद की अडिग भक्ति
आज की कथा का प्रमुख आकर्षण भक्त प्रह्लाद की कहानी रही। असुरराज हिरण्यकशिपु के पुत्र प्रह्लाद ने जिस प्रकार विषम परिस्थितियों में भी श्रीहरि विष्णु की भक्ति को नहीं छोड़ा, वह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। आग में बैठाया गया, हाथी से कुचलवाया गया, पहाड़ से गिराया गया, लेकिन प्रह्लाद का विश्वास डिगा नहीं। अंत में जब अत्याचार अपनी सीमा पार कर गया, तो स्वयं श्रीहरि ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया और अपने भक्त को गले लगाया। यह प्रसंग यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भक्त की रक्षा स्वयं भगवान करते हैं, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।
ध्रुव की तपस्या और भगवान से साक्षात्कार
इसके बाद कथा में ध्रुव चरित्र की अमर गाथा सुनाई गई। केवल 5 वर्ष की उम्र में माता से तिरस्कार मिलने पर वन को चले ध्रुव ने कठिन तपस्या द्वारा भगवान विष्णु को प्रसन्न कर लिया। बालक ध्रुव की सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान ने दर्शन दिए और उन्हें ध्रुव तारा बनने का वरदान दिया, जो आज भी आकाश में चमकता है। यह प्रसंग श्रोताओं को यह सिखाता है कि सच्चे मन और निष्ठा से की गई साधना व्यर्थ नहीं जाती।
अन्य महत्वपूर्ण प्रसंग और कथाएँ
इसके अतिरिक्त आज की कथा में मनु और शतरूपा की कथा, स्वायंभुव मनु की संतानों के चरित्र, एवं वर्षों की गाथाओं का उल्लेख भी किया गया। भागवत पुराण की गहराई और विस्तार का परिचय कराते हुए आज की कथा ने श्रोताओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।कथा स्थल पर भक्ति का वातावरण और श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति
कल श्री मद भागवत कथा का चतुर्थ दिवस और भी खास होने जा रहा है, क्योंकि कल तीन दिव्य प्रसंग एक साथ प्रस्तुत किए जाएंगे –
1. बामन अवतार कथा: जब भगवान विष्णु ने बौने ब्राह्मण के रूप में अवतार लेकर तीन पग भूमि में संपूर्ण पृथ्वी, आकाश और पाताल नाप लि
2. श्रीराम जन्मोत्सव : जब रघुकुल शिरोमणि भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। पूरा वातावरण “जय श्री राम” के उद्घोष से गूंज उठेगा।
3. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव: नंद के आनंद भयो… आज गोकुल में आनंद की लहर दौड़ेगी, क्योंकि कल कथा में भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण प्रसंग भी सुनाया जाएगा।
आज के दिन कथा स्थल पर भक्तों की अपार भीड़ देखने को मिली। दूर-दूर से आए श्रद्धालु कथा श्रवण हेतु पहुंचे। कथा के साथ-साथ भजन-कीर्तन, संकीर्तन और सुंदर झांकियों ने माहौल को और भी पवित्र बना दिया। बच्चों, बुजुर्गों, युवाओं – सभी ने भागवत कथा का रसपान किया और श्रीहरि के गुणगान में लीन रहे।
कल चतुर्थ दिवस में होंगे तीन दिव्य प्रसंग
झांकियाँ, भजन संध्या और भक्तिभाव का संगम
कल के कार्यक्रम में विशेष झांकियों का आयोजन होगा जिसमें बामन अवतार, श्रीराम जन्म और श्रीकृष्ण जन्म की झलकियाँ प्रस्तुत की जाएंगी। रात्रि भजन संध्या में स्थानीय कलाकारों द्वारा भक्ति गीतों की प्रस्तुति होगी जो श्रद्धालुओं को भावविभोर कर देगी।

कथा वाचक जी की वाणी से निकली भक्ति की धारा
आज के दिन कथा व्यास आचार्य श्री मोहन मिश्रा जी महाराज ने जिस भावपूर्ण शैली से कथा सुनाई, उससे न केवल श्रोताओं की आंखें नम हुईं, बल्कि उनके हृदय में भक्ति की एक नवीन लहर दौड़ गई। उन्होंने कहा – “भागवत कथा केवल एक ग्रंथ नहीं, यह जीवन जीने की कला है। इसमें धर्म, ज्ञान, भक्ति, नीति, प्रेम और समर्पण सभी कुछ समाहित हैं।
सामाजिक संदेश और संस्कारों की शिक्षा
भागवत कथा का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं, बल्कि समाज में सद्भावना, संस्कार, और नैतिकता का प्रचार-प्रसार भी है। आज की कथा से बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों – सभी को यह प्रेरणा मिली कि कैसे प्रभु-भक्ति जीवन के हर संकट को पार कर सकती है।
सारस्वत परिवार की सराहनीय व्यवस्था
पूरे कार्यक्रम में सारस्वत परिवार का प्रबंधन अत्यंत सराहनीय रहा। भोजन प्रसाद, जल व्यवस्था, बैठने की सुविधाएं और सोशल मीडिया के ज़रिए कथा को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने की व्यवस्था ने कथा को हर वर्ग तक पहुँचाया।
निष्कर्ष
श्री मद भागवत कथा का आज का तृतीय दिवस भक्ति, ज्ञान और श्रद्धा से परिपूर्ण रहा। भक्त प्रह्लाद और ध्रुव जैसे अमर भक्तों की कथाओं ने सभी को अंदर से झकझोर दिया। कल के विशेष प्रसंगों – बामन अवतार, श्रीराम जन्म और श्रीकृष्ण जन्म – के लिए श्रद्धालु पहले से ही उत्साहित हैं।
आपसे निवेदन है कि आप भी इस पुण्य प्रसंग में सहभागी बनें और अपने जीवन को प्रभु भक्ति से ओतप्रोत करें।
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