व्यापार/अर्थव्यवस्था

भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

प्रगति की राह पर बढ़ता भारत: अब नहीं रुकेंगे कदम !

टीम भारत पल्स न्यूज़ | 26 मई 2025

नई दिल्ली : एक समय था जब भारत को ‘तीसरी दुनिया का देश’ कहा जाता था। आर्थिक रूप से पिछड़ा, संसाधनों से जूझता और वैश्विक मंच पर केवल एक ‘संभावनाओं वाला बाज़ार’ माना जाता था। लेकिन आज वह दिन है जब भारत ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि यह देश केवल संभावना नहीं, बल्कि शक्ति भी है। भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। बल्कि सीना चौड़ा भी कर दिया है

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान ने जापान की अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ दिया है और अब वह $4.19 ट्रिलियन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के साथ चौथे पायदान पर पहुँच गया है। यह बदलाव केवल आंकड़ों की बाज़ीगरी नहीं है, बल्कि भारत की सतत विकास यात्रा, मजबूत नीति-निर्माण, डिजिटल क्रांति, और जनता के मेहनती स्वभाव का सजीव प्रमाण है। जो सरकार द्वारा चलाये जा रहे बिभिन्न कार्यक्रमों और छोटी छोटी msme के अंतर्गत आने वाली कंपनियों का भी उतना ही योगदान है जितना बड़ी से बड़ी कंपनियों का है । भारत के इस बड़ते कद मे सभी भारतीय एक जुट होकर पूरी मेहनत और लगन से लगे हुये हैं ।


अर्थव्यवस्था

कहाँ खड़ा है हिंदुस्तान आज?

स्थानदेशGDP (USD ट्रिलियन)
1अमेरिका30.51
2चीन19.23
3जर्मनी4.74
4भारत4.19
5जापान4.18

भारत का यह चौथा स्थान किसी आंकड़े भर की बात नहीं — यह वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती अहमियत का स्पष्ट प्रमाण है। इससे ये साबित होता है की पहले जैसा भारत अब नहीं रहा,

भारत पल्स की नज़र से – आगे की राह : NITI आयोग के CEO बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम के अनुसार, यदि भारत की यही रफ्तार जारी रही, तो अगले 2 से 3 वर्षों में जर्मनी को पछाड़ कर तीसरे स्थान की अर्थव्यवस्था पर काबिज होना बिल्कुल संभव है। और अगर देश की नीति, निवेश और नवाचार तीनों मिलकर काम करें, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।

लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि विकास की रफ्तार तभी सार्थक होगी जब उसका लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। गरीबी, बेरोजगारी और असमानता जैसी चुनौतियों को दूर करना ही असली अर्थव्यवस्था का उद्देश्य होना चाहिए । हम जैसे ही इन महत्वपूर्ण चुनौतियों को पार कर लेंगे हम दुनिया के सामने वो दिन दूर नहीं जब चौथी अर्थव्यवस्था से तीसरी और फिर दूसरी अर्थव्यवस्था के बाद दुनिया की सबसे बड़ी और पहली अर्थव्यवस्था होंगे ।

भारत की इस छलांग का महत्व क्या है?

  • भारत अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं, वैश्विक आपूर्ति शृंखला का नेतृत्वकर्ता बन सकता है।
  • विदेशी निवेशक अब भारत को ज्यादा सुरक्षित और स्थायी बाजार मान रहे हैं।
  • भारत की यह वृद्धि युवाओं को अधिक अवसर, और नए रोजगार सृजन के द्वार खोल सकती है।

निष्कर्ष :

आज भारत चौथे स्थान पर है। कल तीसरे पर होगा। लेकिन असली उपलब्धि तब होगी जब यह आर्थिक ताकत हर गाँव, हर परिवार, हर युवा और हर महिला तक पहुंचे। भारत पल्स न्यूज़ यही उम्मीद करता है कि देश की यह तरक्की सिर्फ GDP तक सीमित न रह जाए, बल्कि जनमानस के जीवन स्तर में भी उसका असर साफ़ दिखाई दे। और हम सभी सरकार के साथ मिलकर काम करें हमारी कोशिश यही होनी चाहिए की देश 100वें आजादी के बर्ष होने से पहले हम दुनिया की पहली सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएँ और हमारा पुराना स्वरूप “सोने की चिड़िया” को बापस हम बना दें क्योंकि भारत की असली ताकत आंकड़ों में नहीं, उसके नागरिकों की आकांक्षाओं में है।


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