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बिल्सी-इस्लामनगर मार्ग पर यात्री वाहन संकट गहराया: दुपहर में नहीं मिलते वाहन, नियमों को ताक पर रखकर चल रहे ऑटो

बिल्सी

बदायूं, 1 जून 2025 | भारत पल्स न्यूज़ विशेष रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के बिल्सी और इस्लामनगर के बीच आने-जाने वाले यात्रियों को इन दिनों खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी का मौसम, तापमान 40 डिग्री के पार, और ऊपर से सार्वजनिक वाहनों की भारी किल्लत — इन सभी ने मिलकर आम आदमी की दिनचर्या को पूरी तरह बिगाड़ दिया है।

खासतौर पर दोपहर के समय हालात और भी बदतर हो जाते हैं। इस्लामनगर से बिल्सी की तरफ जाने वाले यात्रियों को वाहन नहीं मिल रहे हैं। जो ऑटो मिल भी रहे हैं, वे अपनी सवारी की निर्धारित सीमा से कहीं अधिक लोगों को भरकर नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एक-एक घंटे तक खड़े रहते हैं।


दोपहर में यात्री हो जाते हैं बेहाल

भारत पल्स न्यूज़ संवाददाता ने इस्लामनगर मुख्य चौराहे और बिल्सी अड्डा इलाके में यात्रियों से बातचीत की। कई यात्रियों ने बताया कि दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच हालात सबसे ज्यादा खराब हो जाते हैं। इस समय काम से लौटने वाले मजदूर, स्कूल से निकलते छात्र और बाजार जाने वाली महिलाएं घंटों इंतजार करती रहती हैं, लेकिन वाहन नहीं मिलते।

बदायूं से बिल्सी तक कई यात्रियों को धूप में खड़े रहना पड़ता है। “अगर कोई ऑटो आता भी है, तो उसमें पहले से 10-12 लोग भरे होते हैं और फिर भी ड्राइवर और सवारियां नियमों को नजरअंदाज कर ठूंसे जा रहे होते हैं,” एक महिला यात्री ने बताया।


मार्ग

ऑटो चालक बना रहे अपनी मनमानी

ऑटो चालक निर्धारित रूट पर सवारी उठाने की बजाय भीड़ देखकर अपने रूट और समय तय कर रहे हैं। यात्री बताते हैं कि उन्हें कभी-कभी 30 से 40 मिनट तक खड़ा रहना पड़ता है, क्योंकि ऑटोवाले या तो भरने का इंतजार करते हैं या फिर अधिक किराया वसूलने की कोशिश करते हैं।

“कुछ ऑटो वाले तो तब तक नहीं चलते जब तक 15 से ज्यादा सवारियां न भर लें,” एक स्थानीय दुकानदार ने कहा। यह स्थिति न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।


महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी

गर्मी के इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों, महिलाओं और छोटे बच्चों को हो रही है। न धूप से बचने का कोई उपाय, न बैठने की सुविधा — लोग धूप में खड़े होकर पसीने से तर-बतर हो जाते हैं और ऊपर से अनिश्चितता कि वाहन मिलेगा भी या नहीं।

भारत पल्स न्यूज़ को एक वृद्ध दंपती ने बताया कि वे हर सप्ताह दवा लेने बिल्सी जाते हैं, लेकिन हर बार कम से कम एक घंटा धूप में खड़े रहना पड़ता है। महिला यात्रियों का कहना है कि भीड़भाड़ वाले ऑटो में चढ़ना असुरक्षित और असहज होता है।


प्रशासन बना है मूकदर्शक

यात्रियों की शिकायतें और समस्याएं कोई नई नहीं हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया है। ना तो रूट पर अतिरिक्त वाहन तैनात किए जा रहे हैं और ना ही ऑटो चालकों पर कोई कार्रवाई की जा रही है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जनहित की प्राथमिकता कहीं न कहीं कमज़ोर हो रही है।


क्या कहती है भारत पल्स न्यूज़ की टीम

भारत पल्स न्यूज़ का मानना है कि यह संकट सिर्फ गर्मी या भीड़ का नतीजा नहीं है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और परिवहन नियमों के पालन में ढिलाई का सीधा परिणाम है। यदि हर रूट पर नियमित, समयबद्ध और नियमों के अनुसार वाहन चलाए जाएं, तो यात्रियों को इस तरह की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।


समाधान क्या हो सकता है?

अत्यधिक सवारियां भरने वाले चालकों पर जुर्माना और लाइसेंस निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो।

इस्लामनगर-बिल्सी रूट पर विशेष समयों (दोपहर 12 से 3 और शाम 5 से 7) में अतिरिक्त ऑटो या मिनी बस की व्यवस्था हो।

ऑटो चालकों पर निगरानी रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस की नियमित गश्त बढ़ाई जाए।

यात्रियों के लिए एक ऑनलाइन सूचना पोर्टल या मोबाइल ऐप की सुविधा दी जाए, जिससे वे देख सकें कि अगला वाहन कब आएगा।