देश में फिर सिर उठाने लगा कोरोना – क्या प्रशासन फिर सो रहा है?
रिपोर्ट : भारत पल्स न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली।
जब देश ने यह मान लिया था कि कोरोना वायरस की आंधी अब थम चुकी है, तब एक बार फिर संक्रमण ने धीमे लेकिन चिंताजनक ढंग से दस्तक दे दी है। बीते कुछ दिनों में केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आई रिपोर्ट्स ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है।
भारत पल्स न्यूज़ की टीम ने जो स्थिति ज़मीनी स्तर पर देखी, वो साफ़ इशारा करती है कि संक्रमण लौट रहा है, लेकिन प्रशासन और जनता दोनों की तैयारियों में ढील देखी जा रही है। क्या यह लापरवाही हमें फिर उसी भयावह दौर की ओर धकेल देगी? यह सवाल आज हर ज़िम्मेदार नागरिक के सामने है।
मामले बढ़ रहे हैं कोरोना के केस, पर सजगता कम
ताजा कोरोना के आंकड़े बताते हैं कि:
- केरल में इस समय 270 से अधिक सक्रिय केस हैं।
- दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 23 नए केस दर्ज किए गए हैं।
- महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक मरीज की मौत की भी पुष्टि हुई है।
- मध्य प्रदेश में इंदौर और उज्जैन से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
हालांकि, अधिकतर मरीजों में लक्षण हल्के हैं, लेकिन लापरवाही का आलम देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो हालात फिर बिगड़ सकते हैं।
कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा – तैयारी कहां है?
INSACOG द्वारा कोरोना के दो नए वेरिएंट्स की पुष्टि की गई है:
- NB.1.8.1 – जिसकी पहचान तमिलनाडु में हुई है।
- LF.7 – जो गुजरात में सक्रिय है।
ये दोनों वेरिएंट्स फिलहाल गंभीर नहीं बताए जा रहे, लेकिन कोरोना का इतिहास गवाह है कि इसका मिजाज कब बदल जाए, कोई नहीं जानता। इस बीच टेस्टिंग, मास्क और जागरूकता जैसे उपायों को एक बार फिर से सक्रिय करना अनिवार्य हो गया है।
ज़मीनी हकीकत – कहीं दिखती नहीं सावधानी
भारत पल्स न्यूज़ की टीम ने दिल्ली, भोपाल, लखनऊ और जयपुर जैसे शहरों में कई सार्वजनिक स्थानों का दौरा किया। नतीजा चौकाने वाला रहा:
- बाजारों में मास्क गायब हैं।
- अस्पतालों में थर्मल स्क्रीनिंग नहीं हो रही।
- लोग बूस्टर डोज़ के बारे में पूछने पर कंधे उचकाते नजर आए।
- स्कूल, मॉल और सार्वजनिक परिवहन में कोई निगरानी नहीं है।
यह साफ़ दर्शाता है कि प्रशासन और जनता दोनों ही अब इस खतरे को गंभीरता से नहीं ले रहे।
प्रशासन क्यों चुप है?
जब मामलों की संख्या बढ़ रही है और नए वेरिएंट्स दस्तक दे रहे हैं, तो फिर सवाल उठता है — प्रशासन चुप क्यों है?
- क्या पुराने अनुभवों से कुछ नहीं सीखा गया?
- क्या फिर से अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत और लॉकडाउन जैसी स्थितियों का इंतजार है?
भारत पल्स न्यूज़ स्पष्ट करता है — अगर अब भी ऐक्शन नहीं लिया गया, तो प्रशासन की ये चुप्पी भारी पड़ सकती है।
भारत पल्स न्यूज़ की अपील – समय रहते सजग बनिए
हमारे पाठकों से सीधी अपील है:
- मास्क फिर से अपनी जेब में रखें और भीड़ में जरूर पहनें।
- अगर आप या आपके घर में किसी को बुखार, जुकाम जैसे लक्षण हैं, तो टेस्ट जरूर कराएं।
- जो लोग अब तक बूस्टर डोज़ से वंचित हैं, तुरंत लगवाएं।
- सार्वजनिक जगहों पर न सिर्फ खुद सजग रहें, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करें।
निष्कर्ष
कोरोना के संक्रमण की चौथी लहर हो या नहीं, ये भविष्य के गर्भ में है। लेकिन इतना तय है कि अगर आज लापरवाह बने रहे, तो कल पछताने का मौका भी नहीं मिलेगा। ये ज़िम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नही है हम सब सबकी है,हमें खुद जागरूक होना होगा इस तरह के किसी भी समस्या से निपटने के लिए । सरकार द्वारा सभी दिशा निर्देशों का पालन करें और दूसरों को भी सचेत करें
भारत पल्स न्यूज़ यह सवाल पूछता है — जब देश फिर खतरे की ओर बढ़ रहा है, तब क्या प्रशासन की नींद अब भी नहीं टूटेगी?