भारत-पाक संघर्ष : ऑपरेशन सिंदूर में 50 से अधिक लोगों की मौत, सीमा पर तनाव चरम पर
नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच जारी सीमा विवाद ने एक बार फिर उग्र रूप ले लिया है। हाल ही में भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई में अब तक 50 से अधिक लोगों की जान चली गई है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 11 जवान और 40 से अधिक नागरिक शामिल हैं। यह घटनाक्रम न सिर्फ दोनों देशों के बीच रिश्तों में नई दरार का संकेत है, बल्कि दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए भी एक गंभीर खतरे की घंटी है।
भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन सिंदूर को सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार हो रही घुसपैठ और आतंकवादियों की बढ़ती सक्रियता के जवाब में अंजाम दिया। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य आतंकी लॉन्च पैड्स को नष्ट करना और सीमाओं की सुरक्षा को पुख्ता करना था। वहीं पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को “अकारण आक्रामकता” करार दिया है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की चेतावनी दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अडमपुर एयरबेस से सेना को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ ‘सुनियोजित और निर्णायक नीति’ पर काम करेगा। उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होगा। सेना को पूरी छूट दी गई है।”
घटना के बाद से दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर के पुंछ, राजौरी, और बारामूला जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। स्थानीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष एक लंबे समय तक चलने वाले टकराव की शुरुआत हो सकता है, जो दोनों देशों की आंतरिक राजनीति और क्षेत्रीय समीकरणों को बदल सकता है। वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका, रूस और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
इस ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपने सैन्य बलों को सीमा पर अलर्ट पर रखा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। इसके अलावा, पाकिस्तानी संसद में इस मुद्दे पर आपातकालीन बैठक बुलाई गई है, जहां भारत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
भारत-पाकिस्तान के बीच इस तरह के टकराव कोई नई बात नहीं है, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जिस तरह की तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई है, वह इस बात की ओर इशारा करती है कि स्थिति सामान्य होने में वक्त लग सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा नुकसान आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन एक बार फिर से असुरक्षा और भय के साये में आ गया है। कई गांवों में बिजली और इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है।
हालांकि जब भारत पल्स न्यूज़ ने भारतीय लोगों से इस ऑपरेशन सिंदूर पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो लोगों ने कहा – पाकिस्तान की हरकतों को दुनिया जानती है ,ऐसे मे यदि पाकिस्तान अपनी कायरना हरकतें करेगा तो भारतीय सेना ने जो किया इसका सही और सटीक इलाज है । भारत पहले की तरह न तो अब झुकता है और न दबता है,जो हमें ज्ञान दे रहें हैं बेहतर होगा वो अपना घर संभालें । भारत का हर देशबासी चाहें वो हिन्दू हो या मुस्लिम हो देश के लिए जो भी करना पड़े करेगा ।
बहीं हमने देश के विभिन्न सेना निवृत ज़बानों से पूछा – तो उन्होने कहा देश की तरफ आँखें उठाने वाले को उसी की भाषा मे जबाब दिया जाना चाहिए । भारत सरकार जो कर रही है वो सही कर रही है । देश के अलग अलग हिस्सों से मिली जुली प्रतिकृया सामने आ रही हैं ।
अब सवाल ये उठता है कि क्या यह संघर्ष किसी बड़े युद्ध की भूमिका बना रहा है या यह सिर्फ सीमित अवधि का सैन्य अभियान था? जवाब फिलहाल अस्पष्ट है, लेकिन इतना जरूर है कि यह घटना दक्षिण एशिया की राजनीति को एक बार फिर गरमा चुकी है।